स्वतंत्रता के समय भारत की आर्थिक समस्या

स्वतंत्रता के समय भारत की आर्थिक समस्या का वर्णन करें?-Describe the economic problems of India at the time of independence in Hindi?

 # स्वतंत्रता के समय भारत देश ने किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा! आर्थिक समस्याएँ का वर्णन करें?

ब्रिटिश सरकार ने भारत देश के ऊपर काफी लंबे समय तक शासन किया। भारत के प्रभावी नेता, व्यक्तियों , क्रांतिकारियों आदि । हम  ब्रिटिश सरकार के चंगुल से निकाल पाए। ब्रिटिश संसद में पारित स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। स्वतंत्रता के साथ साथ भारत का विभाजन भी हो गया था। जिसके कारण भारत देश के समक्ष काफी समस्याएँ खड़ी हो गई थी। इन सभी समस्याओं का सामना करना बहुत जरूरी था।

भारत देश के सामने राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक समस्याएँ थी। आज हम राजनीतिक समस्याओं के बारे में बात करेंगे।

# भारत देश के समक्ष आर्थिक समस्याएँ क्या थी?

1) कृषि की समस्या:- 

 भारतीय अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर आधारित है। स्वतंत्रता के समय भारत में 72% जनता कृषि के कार्यों में लगी हुई थी। राष्ट्रीय आय का आधा भाग कृषि पर ही आता था फिर भी भारतीय कृषि बुरी तरह से पिछड़ी हुई थी। जरूरत से ज्यादा जनसंख्या कृषि में लगी हुई थी। कृषि में आय भी बहुत कम थी मेहनत भी अधिक थी। आधुनिक कृषि तकनीक की बहुत कमी थी। खाद और उर्वरक समस्या के कारण कृषि पिछड़ी हुई थी। आज भी भारत के किसान भारत सरकर की कृषि नीतियों से खुश नहीं है। आज भी भारत में किसानों की संख्या काफी अधिक है।

2) बेरोजगारी:- 

 स्वतंत्रता के समय करोड़ों लोग बेरोजगार थे क्योंकि हस्तकला उद्योग का विनाश हो चुका था। भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो गई थी। सभी  प्रकार के उद्योग में 11% से भी लोग काम कर रहे थे । 72% लोग कृषि में लगे कार्यरत थे परंतु वह खाना पूर्ति ही कर रहे थे। अतः उन्हें भारत के लोगों को रोजगार उपलब्ध करना कठिन समस्या थी।

3) औद्योगिक समस्या:-         

स्वतंत्रता के समय भारत का औद्योगिक  विकास निम्न स्तर पर था। 1950 में आधुनिक उद्योग में बहुत कम क्रमचारी काम कर रहे थे। संगठित क्षेत्र में औद्योगिक  मजदूरों की संख्या कुछ कार्यबल का प्रतिशत थी। भारत की जनसंख्या बद रही थी परंतु उद्योग का स्तर नहीं बद रहा था। स्वतंत्रता के समय सभी उद्योग पिछड़ी अवस्था में थे। आज उद्योगयो  में थोरी तेजी देखने को मिलती हैं।

हस्तकला

4) हस्तकला व दस्तकारी उद्योग का विनाश:- 

ब्रिटिश सरकार के समय भारत में फैक्ट्री के चलते हस्तकला और दस्तकारी उद्योग का विनाश किया गया था । इस विनाश में ग्रामीण बुनकरो को भी काफी प्रभावित किया । अन्तः उन्हें अकाल का शिकार होना पड़ा । जनसख्या का एक भाग बेरोजगार हो गया था

जैसा कि  हम देख सकते है भारत देश के सामने स्वतंत्रता के समय कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।   आर्थिक समस्या का सामना करना भारत के नेता व भारत की जनता को काफी कुछ झेलना भी पड़ा था| आज भी भारत देश में काफी परेशानियाँ है बस फर्क इतना है आज की समस्या स्वतंत्रता की समस्या से अलग है। 

@Roy Akash (pkj)