स्वतंत्रता के समय भारत की सामाजिक समस्या का वर्णन करें?-Describe the social problems of India at the time of independence in Hindi?

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1 # स्वतंत्रता के समय भारत देश ने किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा! सामाजिक समस्याएँ का वर्णन करें?
1.1 # भारत देश के समक्ष सामाजिक समस्याएँ क्या थी?

 # स्वतंत्रता के समय भारत देश ने किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा! सामाजिक समस्याएँ का वर्णन करें? 

 

ब्रिटिश सरकार ने भारत देश के ऊपर काफी लंबे समय तक शासन किया| भारत के प्रभावी नेता, व्यक्तियों , क्रांतिकारियों आदि | हम  ब्रिटिश सरकार के चंगुल से निकाल पाए| ब्रिटिश संसद में पारित स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई| स्वतंत्रता के साथ साथ भारत का विभाजन भी हो गया था| जिसके कारण भारत देश के समक्ष काफी समस्याएँ खड़ी हो गई थी| इन सभी समस्याओं का सामना करना बहुत जरूरी था|

भारत देश के सामने राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक समस्याएँ थी| आज हम राजनीतिक समस्याओं के बारे में बात करेंगे|

# भारत देश के समक्ष सामाजिक समस्याएँ क्या थी?

1) जाति प्रथा और छुआछूत :-               भारत की राजनीतिक व्यवस्था पर जाति का प्रभाव हमेशा  से रहा है| जैसे की  वर्ण व्यवस्था का होना ही जाति को 4 वर्गों में बाँट दिया  था| वर्ण व्यवस्था में पहले स्थान पर ब्राह्मण, दूसरे स्थान पर क्षेत्रिय ,तीसरे स्थान पर वैश्य आखिर में शुद्ध को रखा गया था वर्ण व्यवस्था के हिसाब से और पहले तीन वर्गों को उच्च वर्ग तथा आखिरी वाले को निम्न माना जाता था| वर्ण व्यवस्था के कारण ही भारत में छुआछूत का जन्म हुआ था | शूद्रों की स्थिति बहुत खराब थी क्योंकि शूद्रों  के साथ मनमाने अत्याचार किए गए | आज भी भारत के अंदर छुआछूत  समस्या को देखा जा सकता है|

अशिक्षा

2) अशिक्षा :-                     भारत का सामाजिक पिछड़ेपन की एक अन्य समस्या अशिक्षा है जो आज भी एक बड़े स्तर पर भारत में देखने को मिल जाता है| 1951 में हुई एक रिपोर्ट के अनुसार केवल 23.54% पुरुष और 7.62% स्त्रियाँ शिक्षित थी| पूरे देश में 13590 माध्यमिक तथा 7288 उच्च विधालय थे| स्वतंत्रता के समय भारत में तकनीक तथा वैज्ञानिक शिक्षा का तो नाम ही नहीं था| परंतु आज ऐसा नहीं है आज भारत काफी तेजी से विकास कर रहा है तकनीक तथा वैज्ञानिक शिक्षा में भारत ने काफी नाम किया हैं| 

 3) क्षेत्रीय असंतुलन :-                      भारतीय समाज की एक अन्य विशेषता क्षेत्रीय असंतुलन थी | पूरे देश में एक समान विकास नहीं हुआ था| शहरी और ग्रामीण जीवन में काफी अंतर देखने को मिलता था| भौगोलिक परिस्थिति के कारण एक क्षेत्र काफी विकसित हो गया था तथा दूसरी तरफ नाममात्र की उपज होती थी| आज भी भारत की स्थिति में काफी फर्क नहीं है क्योंकि आज भी शहरी और ग्रामीण में काफी पिछड़ापन है|

 

जैसा कि  हम देख सकते है भारत देश के सामने स्वतंत्रता के समय कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था राजनीतिक समस्या का सामना करना भारत के नेता व भारत की जनता को काफी कुछ झेलना भी पड़ा था| आज भी भारत देश में काफी परेशानियाँ है बस फर्क इतना है आज की समस्या स्वतंत्रता की समस्या से अलग है |

 

@Roy Akash (pkj)