#संघीय प्रणाली क्या है?
एकात्मक और संघीय प्रणाली दोनों ही प्रणाली एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। संघवाद में हमें यह दोनों प्रणाली देखने को ज्यादा मिलती है। संघवाद का मतलब होता है कि शक्तियों को कैसे बाँटा हुआ है। देश को चलने की शक्ति ज्यादा किसके पास है। केंद्र के पास या राज्य के पास हम इसी बात को जानने का प्रयास करते है। इन एकात्मक और संघीय प्रणाली दोनों संघवाद व्यवस्था के कितना फर्क है।
संघीय प्रणाली का मतलब होता है कि किसी देश या राष्ट्र में दो या दो से अधिक स्तरों को होना । देश में जो भी बड़े या कानून संबंधी निर्णय या फैसले केंद्र और राज्य दोनों की ही सहमति होनी चाहिए। संघीय प्रणाली में केंद्र और राज्य दोनों ही मिलकर कार्य करती है।
#संघीय प्रणाली की सकारात्मक रूप :-
1) दो या दो से अधिक स्तरों :-
जिसका मतलब है कि संघीय प्रणाली वाले देश या राष्ट्र में दो या दो से अधिक स्तरों को देखा जाता है। देश में केंद्र ओर राज्य तो होती ही परंतु भारत जैसे देशों में स्थानीय सरकार को भी देखा जाता है जो की राज्य सरकार के नीचे आती है।
2) केंद्र सरकार आदेश नहीं दे सकता राज्य सरकार :-
संघीय व्यवस्था में केंद्र सरकार राज्य सरकार को आदेश या राज्य सरकार पर दबाब नहीं दे डाल सकता है। दोनों ही मिलकर कार्य व निर्णय लेते है।
3) देश तानाशाही नहीं :-
जिस भी देशों में संघीय व्यवस्था होती है वह देश एक तानाशाही देश नहीं बन सकता है क्योंकि देश का बड़े निर्णय में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार की भागीदारी देखने को मिलती है।
4) केंद्र सरकार का सर्वोच्च नहीं :-
जैसा की एकात्मक प्रणाली में केंद्र सरकार को राज्य से अधिक शक्ति मिलती है परंतु संघीय प्रणाली में ऐसा कुछ नहीं होता। केंद्र सरकार सर्वोच्च नहीं होती।
#संघीय प्रणाली की नकारात्मक रूप :-
1) कानून पास करना :-
जिस देशों में संघीय प्रणाली होती है उन देशों में ऐसा देखा गया है की कानून बनाने या कानून को पास करने में काफी अधिक समय लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि देश में केंद्र सरकार फिर राज्य सरकार दोनों ही अपने अपने विचारों से कार्य करेंगे तो कानून पास करने में ज्यादा समय तो लगेगा ही।
2) पैसों और समय की अधिक हानि :-
कोई भी काम या कार्य के लिए लिए अधिक लोगों का होना काम को करने मैं ज्यादा समय और पैसों दोनों ही लगते है जिससे की देश का पैसों को देश के अंदर काम या कार्य कर रहे केंद्र और राज्य सरकारों के सदस्यों को देने होते है।
@Roy Akash (pkj)