# सत्ता की साझेदारी
सत्ता की साझेदारी से अभिप्राय है की किसी भी देश मे सत्ता यानि शक्ति (Power) का बंटवारा कैसे किया गया है। जैसे की पूरी विश्व मे लोकतांत्रिक व्यवस्था को काफी अच्छा माना जाता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था का मतलब होता है कि उस देश मे शासन उनके द्वारा चुने गए लोगों द्वारा हो। लोगों का, लोगों के लिए , लोगों के द्वारा शासन को हम लोकतांत्रिक व्यवस्था कहते है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की परिभाषा अब्राहम लिंकन (Abraham lincoln) ने दि थी जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति थे।
किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश मे सत्ता की साझेदारी बहुत जरूरी हो सकती है। सत्ता की साझेदारी को और अच्छी तरह से समझने के लिए हमारी बुक मे 2 देशों में हुई सत्ता की साझेदारी को समझाने का प्रयास किया है । बेल्जियम और श्रीलंका दोनों ही देशों ने सत्ता की साझेदारी को अपने-अपने देशों मे अपने-अपने हिसाब से सत्ता की साझेदारी को अपनाया।
# बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी क्या थी ?
बेल्जियम मे डच (Dutch) जो फ्लेमिश (Flemish) इलाके मे रहते है और 59 फीसदी (Percent) लोग डच (Dutch) भाषा बोलते है और फ्रेंच (French) जो वेलोनिया (Velonia) इलाके मे रहते है और 40 फीसदी (Percent) लोग फ्रेंच (French) भाषा बोलते है। 1 फीसदी (Percent) लोग जर्मन भाषा बोलते है।
ही दूसरी ओर बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स (Brussels) मे 80 फीसदी (Percent) लोग फ्रेंच (French) भाषा बोलते है। 20 फीसदी (Percent) लोग डच (Dutch) भाषा बोलते है।
ऐसे में बेल्जियम में सत्ता की साझेदारी में काफी प्रश्न उठने लगे की बेल्जियम देश अपनी सत्ता का बटवारा कैसे करेगा। ऐसे परिस्थिति में बेल्जियम देश के जो सत्ता का बटवारा के निर्माणकर्ता थे, उन्होंने समझदारी का नमूना देते हुए। सत्ता का बटवारा किया।
बेल्जियम ने सत्ता की साझेदारी को ऐसी परिस्थिति के अनुसार 50-50 के अनुसार सत्ता की साझेदारी को अपनाया मतलब की डच (Dutch) और फ्रेंच (French) को बराबर शासन करने का मौका दिया। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स (Brussels) मे भी बराबर का मौका दिया ।
# श्रीलंका की सत्ता की साझेदारी क्या थी?
श्रीलंका 1948 मे स्वतंत्र हो गया था। श्रीलंका भारत देश का एक पड़ोसी देश है। श्रीलंका में सिंहली (Sinhala) जो 74% फीसदी (Percent) लोग रहेते थे और वही दूसरी ओर तमिल(Tamil) जो 18% फीसदी (Percent) लोग रहेते थे।
श्रीलंका ने सत्ता की साझेदारी को ऐसी परिस्थिति के अनुसार बेल्जियम की तरह 50 – 50 का मौका नहीं दिया। सिंहली (Sinhala) को ही सारी शक्ति दे दि थी। तभी श्रीलंका मे रह रहे तमिल(Tamil) को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने श्रीलंका मे गृहयुद्ध (civil war) जो 1993-2009 तक चला। गृहयुद्ध (civil war) से श्रीलंका देश को बहुत नुकसान पहुचा।
# निष्कर्ष
दोनों देशों ने अपने -अपने हिसाब से सत्ता की साझेदारी को अपनाया ओर बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी को अच्छा माना जाता है वही श्रीलंका ने सत्ता की साझेदारी को जब अपनाया तो वहा पर गृहयुद्ध (civil war) हो गया था । इसलिए हम कह सकते है की किसी भी देश के लिए सत्ता की साझेदारी इतनी जरूरी क्यूँ होती है।
@Roy Akash (pkj)
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