इस्लाम धर्म में खलीफाओं की भूमिका ?- Role of Khalifa in the religion of Islam in Hindi?

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2 # इस्लाम धर्म में 4 खलीफाओं की भूमिका –

Khalifa

# इस्लाम धर्म में खलीफाओं की भूमिका ?

पैगम्बर मुहम्मद  साहब द्वारा जब 612 ई. में जब एक नए धर्म की शुरुआत की गई थी। पैगम्बर मुहम्मद  साहब ने कभी भी यह नहीं बताता की जब मेरी मृत्यु हो जाएगी तो इस्लाम धर्म को आगे कौन चलाएगा क्योंकि इस्लाम धर्म नया-नया ही देखने को मिला था। ऐसे में जब 632 ई. पैगम्बर मुहम्मद  साहब की मृत्यु हो गई तो अब सवाल यह था की इस्लाम धर्म अब आगे कौन चलाएगा। 

632 ई.पैगम्बर मुहम्मद  साहब की मृत्यु के बाद  इस्लाम धर्म में खलीफाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस्लाम धर्म में ऐसा माना जाता है की 632 से लेकर 661 के काल को इस्लाम धर्म में खलीफाओं का कार्यकाल कहा जाता है। इस्लाम धर्म में 4 खलीफा हुए।

सऊदी अरब के एक स्थान मक्का से पैगम्बर मुहम्मद  साहब के द्वारा 612 ई .  में  शुरू किया गया एक नए धर्म  को जिसे हम आज इस्लाम धर्म के नाम से जानते है। इस धर्म में भी काफी ज्यादा उतार -चराव देखने को मिलते है। पैगम्बर मुहम्मद के मृत्यु के बाद से देखा जा सकता है।

# इस्लाम धर्म में 4 खलीफाओं की भूमिका –

1)  अबू बकर :-        इस्लाम धर्म में पहले खलीफ़ा अबू  बकर थे। अबू बकर का कार्यकाल  लगभग 632 – 634 तक सबसे छोटा कार्यकाल माना जाता है। अबू बकर का इस दो साल के छोटे से काल में प्रमुख कार्य विद्रोह का दमन किया क्योंकि पैगम्बर मुहम्मद के मृत्यु के बाद काफी ज्यादा विद्रोह होने शुरू हो गए थे। इस्लाम धर्म की सत्ता को लेकर।

2) उमर :-       अबू बकर के बाद इस्लाम धर्म में उमर दूसरे खलीफ़ा के नाम से  जाने जाते है। उमर का कार्यकाल लगभग 634 – 644 तक का 10 साल का ठीक-ठाक काल रहा। दूसरे खलीफ़ा का प्रमुख कार्य विस्तार की नीति से शुरू किया। उमर ने पश्चिम से पूर्व तक इस्लाम को फैलाया था। ईरान , इराक और मिश्र तक इस्लाम धर्म का विस्तार किया।

3) उथमान :-    उमर के बाद इस्लाम धर्म में उथमान तीसरे खलीफ़ा हुए। उथमान का कार्यकाल लगभग 644 – 656 तक का चारों खलीफाओं में से सबसे लंबा कार्यकाल माना ज्यादा है और इस्लाम धर्म में उथमान की बहुत अहम भूमिका रही। प्रमुख कार्य इस्लाम धर्म का नियंत्रण मध्य एशिया तक किया था। उथमान ने दूसरे महाद्वीप में विस्तार किया।

4) अली :-      ऐसा माना जाता है की अली पैगम्बर मुहम्मद  साहब के दमाद थे। अली इस्लाम धर्म के चौथे खलीफ़ा हुए उथमान के बाद और अली का कार्यकाल  लगभग 656 – 661 तक का काल रहा। ऐसा माने जाने लगा था की अली के काल में विद्रोह की शुरुआत होनी शुरू हो गई थी और अली ने अपने काल में दो युद्ध लड़े।

अगर हम निष्कर्ष की बात करें तो हमें पता चलेगा इस्लाम धर्म में जो 612 ई. से एक नए धर्म का उदय हुआ पैगम्बर मुहम्मद  साहब द्वारा परंतु इस्लाम धर्म सत्ता पर शासन की देखभाल कौन करेगा। पैगम्बर मुहम्मद  साहब इस सवाल का उत्तर दिए बिना पैगम्बर मुहम्मद  साहब की 632 ई. मृत्यु हो गई थी। फिर इस्लाम धर्म में काफी ज्यादा विद्रोह होने शुरू हो गए थे। ऐसे में खलीफाओं  को देखा गया इस्लाम धर्म में सत्ता के लिए। खलीफ़ा के बाद 661 से लेकर 750 तक जिसने इस्लाम धर्म को आगे चलाया उसे हम उम्मयद वंश के नाम से जानते है।  

 

@Roy Akash (pkj)  &  @Ruksana    

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