# भारतीय संविधान के प्रावधान/स्रोत किस -किस देशों से लिए गए थे?
जैसा की हम जानते है भारत को आज़ादी 15 अगस्त 1947 को कड़ी मेहनत के बाद प्राप्त हुई थी और साथ ही 1946 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान की शुरुआत की गई थी 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान पूरा हो गया था।
# विभिन्न देशों के संविधान से लिए गए प्रावधान/स्त्रोत-
* भारत सरकार अधिनियम 1935 :-
1) आपातकाल उपबन्ध।
2) देश के अंदर प्रांतों में शक्ति विभाजन।
3) देश में तीनों सूची का होना।
4) संधात्मक व्यवस्था।
5) लोक सेवा आयोग।
6) न्यायपालिका का ढांचा।
7) राज्यपाल का कार्यकाल।
* ब्रिटिश के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) संसदीय प्राणली।
2) एकल नागरिकता।
3) संसदीय विशेषाधिकार।
4) राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति।
5) विधि निर्माण प्रक्रिया।
6) लोकसेवको की पदाविधि।
7) संसद व विधानमंडल प्रक्रिया।
8) सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव जीत का फैसला।
* अमेरिका के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) मौलिक अधिकार।
2) उच्चतम न्यायलय।
3) संविधान की सर्वोच्चता।
4) राष्ट्रपति को पद से हटने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया।
5) उपराष्ट्रपति का पद।
6) स्वतंत्र निष्पक्ष न्यायपालिका।
7) न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति।
* कनाडा के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) संधात्मक व्यवस्था।
2) अर्ध-संधात्मक का स्वरूप में सशक्त केंद्र सरकार।
3) अवशिष्ट शक्ति केंद्र में निहित ।
4) राज्य के राज्यपालो की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा।
* आयरलैंड के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) राज्य के नीति-निर्देशक तत्व।
2) राष्ट्रपति के निर्वाचन प्रक्रिया।
3) राज्य-सभा में 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित करना।
* ऑस्ट्रेलिया के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) समवर्ती सूची।
2) शक्ति विभाजन
3) संसद के दोनों सदनो की नियुक्ति।
4) “प्रस्तावना” भाषाशैली।
* फ्रांस के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) गणतंत्र ढांचा।
2) प्रस्तावना में स्वतंत्रता ,समानता और बंधुत्व का सिद्धांत।
* रूस (पूर्व सोवियत संघ) के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) मौलिक कर्तव्य।
2) प्रस्तावना में सामाजिक ,आर्थिक और राजनीतिक न्याय का सिद्धांत।
* जापान के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) अनुच्छेद का प्रावधान।
* दक्षिण अफ्रीका के संविधान से प्रावधान/स्त्रोत :-
1) संविधान संशोधन प्रक्रिया।
भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है इसका करण यह है कि भारतीय संविधान के निर्माताओं भारतीय संविधान को काफी अच्छा और प्रभावशाली बनाना था ऐसे में विश्व के लगभग प्रभावी संविधान को पहले देखा गया और भारत के हिसाब से जो सही लगा वो भारतीय संविधान में जोड़ दिया गया। ऐसा देखते देखते भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान के रूप में विश्व के सामने आया।
@Roy Akash (pkj)