भारत के प्रथम तीन आम चुनावों में कांग्रेस को भारी मात्रा में सीटे मिली। 1952, 1957 तथा 1962 के चुनावों में कांग्रेस का एकछत्र राज रहा। अन्य लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस की सरकार बनी। प्रारम्भिक चुनावों में भारत में कांग्रेस के प्रभुत्व के कारण निम्नलिखित थे –
1) औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध संघर्ष :-
कांग्रेस के नेता महात्मा गांधी , नेहरू , राजेन्द्र प्रसाद , सरदार पटेल , अबुल कलाम आजाद आदि ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जनमानस पर कांग्रेस पार्टी की गहरी छाप थी।
2) सशक्त संगठन :-
1885 में अपनी स्थापना के बाद कांग्रेस पूरे देश में फैल चुकी थी। स्वतंत्रता से 62 साल पूर्व से ही कांग्रेस पार्टी भारत में सक्रिय भूमिका निभा रही थी जिसका फायदा उसे मिला। अन्य राजनीतिक दल चुनावों में उससे काफी पीछे थे।
3) भारत की चुनाव प्रणाली :-
साधारण बहुमत प्रणाली के अन्तर्गत कांग्रेस पार्टी को बहुत लाभ मिला क्योंकि इसमें जो भी उम्मीदवार या पार्टी ज्यादा मत हासिल करें उसे विजयी घोषित किया जाता था। मत-विभाजन के कारण कांग्रेस के प्रत्याशियों की हमेशा जीत हुई।
4) स्थानीय स्थिति के अनुसार समायोजन :-
कांग्रेस पार्टी के प्रभावशाली बनने का एक ओर कारण स्थानीय स्थिति के अनुसार समायोजन कर पाना था। दल के आंतरिक लोकतंत्र और चुनावी फायदे ने कांग्रेस को स्थानीय सत्ता संतुलन हेतु परिवर्तनों के अनुरूप समायोजन में सहायता मिली।