#सोवियत संघ के विघटन के परिणाम को विस्तार से बताइए?-soviyat sangh ke vighatan ke parinaam
# परिचय
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जब रूस में क्रांति हुई थी। 1917 से रूस का नाम सोवियत संघ पड़ गया। 1917 से 1991 तक हम रूस को सोवियत संघ के नाम से जानते है। तो हम आज यह जानने का प्रयास करेंगे कि सोवियत संघ का विघटन जब 1991 में हुआ तो सोवियत संघ के विघटन के क्या परिणाम हुए!
# सोवियत संघ के विघटन के परिणाम निम्नलिखित थे –
1) शीत युद्ध का अंत :-
ऐसा माना जाता है कि जो शीत युद्ध दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चला वो शीत युद्ध 1991 में सोवियत संघ के विघटन का सबसे बड़ा परिणाम शीत युद्ध की समाप्ति मानी जाती है।
2) नए स्वतंत्र गणराज्यों का उदय:-
जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था तो विश्व में 15 नए गणराज्यों का जन्म हुआ। 15 नए गणराज्य सोवियत संघ में से ही विश्व के सामने आए। जिसमें रूस , लातविया , बेलारूस , यूक्रेन आदि।
3) अस्त्र – शस्त्रों की होड़ पर रोक:-
शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ ने अमेरिका को समय – समय पर हथियारों की होड़ में पूरी तरह से टक्कर दी। सोवियत संघ ने समय- समय पर अस्त्र – शस्त्रों का बहुत निर्माण किया लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्त्र – शस्त्रों की होड़ पर रोक लग गई।
4) विश्व में अमेरिका का वर्चस्व:-
सोवियत संघ के विघटन के बाद से विश्व में अमेरिका का वर्चस्व माना जाता है। विश्व में अमेरिका का राजनैतिक , आर्थिक , सांस्कृतिक सभी रूपों में वर्चस्व कायम कर दिया तथा संसार एक ध्रुवीय बन गया। आज भी अमेरिका का वर्चस्व विश्व पर कायम है।
5) पूंजीवाद की तरफ समाजवादी देशों का झुकाव:-
सोवियत संघ के विघटन के बाद समाजवादी देशों का समाजवादी व्यवस्था से ही विश्वास कम हो गया तथा पूंजीवाद की तरफ उनका झुकाव बढ़ने लगा। देखते ही देखते पूंजीवादी व्यवस्था शक्तिशाली होती जा रही थी।
6) लोकतंत्र तथा बाजार अर्थव्यवस्था पर श्रेष्ठता की मुहर:-
सोवियत संघ के विघटन के बाद केन्द्रीकृत व्यवस्था से लोगों का विश्वास कम होने लगा तथा लोकतंत्र तथा बाजार अर्थव्यवस्था पर श्रेष्ठता की मुहर लगी।
#निष्कर्ष
इन सभी कारणों के कारण सोवियत संघ का विघटन के बाद परिमाण को माना जाता है और 15 गणराज्यों में विगठित हो गया था। सोवियत संघ जनता की इच्छा को पूरा नहीं कर पा रही थी तथा समाजवादी व्यवस्था को लोग नापसंद करने लगे थे। पूंजीवादी व्यवस्था की ओर आकर्षित हो रहे थे। जिसके कारण 1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ और परिणाम सहित शीत युद्ध की समाप्ति तथा अमेरिका का विश्व पर वर्चस्व कायम हुआ।
@Roy Akash (pkj)