सरकारी बजट के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को विस्तार से बताएं?-Explain in detail the important objectives of the government budget?

सरकारी बजट के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को विस्तार से बताएं?-Explain in detail the important objectives of the government budget?

# सरकारी बजट के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को विस्तार से बताएं?-Explain in detail the important objectives of the government budget?

1) संसाधनों का पुनः वितरण/ संसाधनों का आबंटन –

देश के संसाधनों का आबंटन बाजार शक्तियों की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता। बजट नीति के माध्यम से सरकार देश की आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं के अनुसार संसाधनों को पुनः वितरण करती है। बजट के महत्वपूर्ण उद्देश्य में से एक मुख्य उद्देश्य है।

* सरकार संसाधनों के आबंटन के लिए कर (tax), आर्थिक सहायता और स्वयं उत्पादन करके प्रभावित कर सकती है।

* सार्वजनिक वस्तुएं (जैसे:- राष्ट्रीय सुरक्षा, सड़के) बाजार तंत्र द्वारा लोगों को उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। अतः इनकी उपलब्धता सरकार बाजार के द्वारा करती है।

# कर नीति (tax policy):- 

सरकार कर नीति के माध्यम से उन हानिकारक उपभोक्ता वस्तुओं (जैसे:- शराब) के उत्पादन पर करो की दर व अन्य नए कर लगाकर, सरकार उनके उपभोग को हतोत्साहित कर सकती है।

# आर्थिक सहायता (Subsidies):- 

सरकार आर्थिक सहायता के माध्यम से उन आवश्यक वस्तुओं के निर्माण को बढ़ा सकती है, जिस की समाज में आवश्यकता है। सामाजिक दृष्टि से उपयोगी वस्तुएं जैसे घरेलू गैस, बिजली आदि के उत्पादन के लिए करों में छूट व आर्थिक सहायता दे सकती है तथा उनको इनके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।

# स्वयं उत्पन्न करके (self-generated):- 

बहुत सी ऐसी वस्तुएं व सेवा सेवाएं हैं, जिन के उत्पादन पर प्रत्यक्ष लाभ ना मिलने के कारण निजी फर्म उन वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन नहीं करती। जब सरकार उन वस्तुओं व सेवाओं का प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन करती है। और देश की अर्थव्यवस्था में संतुलन लाती है।

निष्कर्ष:-   

सरकार संसाधनों का सही से उपयोग करके देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित वाद देश का नियमित विकास करती है को। यह बजट नीति का एक बहुत महत्व कार्य मान सकते हैं। 

2) आय में विषमता दूर करना /आय का पुण्य वितरण/आय व संपत्ति में विषमता – 

* आय के पुनः वितरण या आय व संपत्ति में के विषमता से अभिप्राय यह है कि “अमीर लोग लोगों में धन केंद्रित होने के बजाय गरीब लोगों की वास्तविक आय में वृद्धि से है”

* सरकार आए के पुनः वितरण के लिए बजट संबंधी करनी थी तथा आर्थिक सहायता नीतियों को उपयोग करती है।

# कर नीति (tax policy):-  

सरकार अपनी कर नीति का उपयोग अमीर व गरीब के बीच होने वाली आय व संपत्ति के बीच की खाई को दूर कर सकती है। जैसे सरकार अमीरों के द्वारा उपयोग करने वाली वस्तुओं व सेवाओं के ऊपर अधिक से अधिक नए कर लगाकर या करो करो की दर में विरदी करके उनके बीच धन व संपत्ति को केंद्रित होने से रोका जा सकता है।

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# आर्थिक सहायता (Subsidies):- 

सरकार अपने बजट नीतियों में से एक और आर्थिक सहायता की नीति का उपयोग कर सकती है। इसमें सरकार गरीबों को आर्थिक सहायता (जैसे सब्सिडी,पेंशन) शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुफ्त उपलब्ध करा कर आए व संपत्ति की विषमता को दूर कर या उसमें कमी ला सकती है।

* सरकार गरीबों को खाद्यान्न सस्ती दरों पर उपलब्ध कराकर भी गरीबों को पादप आदेश में अमीर गरीब की लड़ाई कम कर सकती। 

# निष्कर्ष:- 

सरकार अपने बजट के माध्यम से सामाजिक कल्याण को अधिकतम व अमीर गरीब के बीच की खाई को कम कर सकती है और सरकार दिन प्रतिदिन इस पर कार्य करती है। जो कि देश के विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक भी है। 

3) आर्थिक विकास – 

* आर्थिक विकास से अभिप्राय एक अर्थव्यवस्था की वास्तविक GDP(सकल घरेलू उत्पाद) (Gross Domestic Product) में धारणीय वृद्धि से होता है, अर्थात अर्थव्यवस्था में उत्पादित होने वाली वस्तुओं व सेवाओं की उत्पादन क्षमता में नियंत्रण वृद्धि से होता है।

* भारत जो एक कल्याणकारी राज्य का सपना पूरा करना चाहता है इसके लिए सरकार अनुकूल बजट नीति का प्रयोग करके इस सपने को पूरा कर सकती है। 

* “बजट एक देश में आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावपूर्ण उपकरण हो सकता है” जैसे – 

a) यदि सरकार उत्पादक या फलों को उनके जोखिम या प्रोजेक्ट के लिए कर में छूट और आर्थिक सहायता देता है तो यह अर्थव्यवस्था में बचत और निवेश हो बढ़ावा दे सकता है। जो कि आर्थिक विकास को बढ़ा सकता है।

b)एक अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना परव्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा देता है। सरकारी व अर्थव्यवस्था में विभिन्न किस्म की वस्तुओं और सेवाओं की मांग को उत्पन्न करता है कोमा जो कि निजी क्षेत्र में भी विकास को बढ़ावा देता है।

* परंतु ऐसी रियासतें कोमा वह और आर्थिक सहायता की योजना बनाने से पहले सरकार को मुद्रा स्फीति की दर और कर की दरों में दरों की जांच करनी चाहिए को मानना ही तो ऋण जाल का जोखिम बन सकता है। इसने सरकार पहले की योजना बनाती है ताकि ऋण जाल और मुद्रास्फीति से बचा जा सके।

# निष्कर्ष:- 

बजट के माध्यम से सरकार देश में आर्थिक विकास को नियंत्रण तरीके से आगे बढ़ाती है। यह सरकार व निजी क्षेत्र के बीच के संबंध को भी दर्शाता है।

 

4) आर्थिक स्थिरता – 

आर्थिक सिद्धांत से अभिप्राय कीमतों में बड़े पैमाने पर होने वाली उचचावचन यानी उतार-चढ़ाव के अभाव से होता है। एस्से उच्च वचन अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता उत्पादन करते हैं। सरकार इन उचचावचनों की कर, आर्थिक सहायता तथा सार्वजनिक व्यय के माध्यम से सरकार सामान्य कीमत स्तर को नियंत्रित करके मंदी व तेजी की स्थिति काबू कर सकती है। कीमतों में उतार-चढ़ाव नियंत्रित करके अर्थव्यवस्था में आर्थिक स्थिति ताला सकती है, इसलिए बजट सरकार के हाथ में एक अच्छा अस्त्र है।

* सरकार बजट नीती से आर्थिक सिद्धांत निम्नलिखित प्रकार से लाती है- 

a) जब समग्र मांग, समग्र पूर्ति से अधिक होती है, तब अर्थव्यवस्था में स्फीतिकारी स्थिति उत्पन्न होती है। तब सरकार अपने व्यय को कम करने समग्र मांग को नीचे ला सकती है। 

b) जब समग्र पूर्ति कोमा समग्र मांग से अधिक हो तो जब अवस्फीति स्थिति उत्पन्न होती है। जब मंदी की स्थिति होती है इसलिए सरकार अपने सारे व्यय को बढ़ा देता है, ताकि अर्थव्यवस्था में स्थिरता आ सकें।

* मुद्रा स्थिति के दौरान अतिरिक्त बजट की नीति और मंदी के दौरान घाटे की बजट की नीति अर्थव्यवस्था की कीमतों की स्थिरता को बनाए रखने में सहायक होती है।

# निष्कर्ष:-

सरकार बजट के माध्यम से ही अर्थव्यवस्था में मंदी व तेजी की स्थिति को सही करती है,  ताकि देश का विकास नियंत्रण हो।

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@Roy Akash (pkj) & Jatin Roy