हड़प्पा सभ्यता के निर्वाह के तरीके

हड़प्पा सभ्यता के निर्वाह के तरीके- hadappa sabhyata ke nirvah ke tarike?

# हड़प्पा सभ्यता के निर्वाह के तरीके का अर्थ है की हड़प्पा सभ्यता के लोग अपना जीवन यापन किस प्रकार करते थे यानि हड़प्पाई लोग भोजन में क्या-क्या प्रयोग करते थे वह माँस , मछली, शिकार, कृषि, पालतू जानवर आदि का प्रयोग करते थे की नहीं अगर करते थे तो कौन-कौन से जानवरों, अनाजों आदि का प्रयोग करते थे।

हड़प्पा सभ्यता में निर्वाह के तरीके से पूर्व हमे यह जानना आवश्यक है की हड़प्पा सभ्यता क्या है अगर हम हड़प्पा सभ्यता की बात करे तो हमे पता होना जरूरी है की भारत की सबसे प्राचीन यानि पुरानी सभ्यता अगर कोई है तो वह हड़प्पा सभ्यता थी इसे हम सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से भी जानते है।

# हड़प्पा सभ्यता के लोग कई प्रकार के पेड़-पोधों, जानवरों, मछली, अनाजों का प्रयोग करते थे। जिन जानवरों की हड्डीया मिली है वह मवेशियों, भेड़, बकरी, भैस, सूअर आदि की मिली है जो जिसे पुरा-प्राणिविज्ञानियों तथा जीव पुरतातविदों ने बताया है की वह स पालतू जानवरों के रूप में इस्तेमाल करते होंगे। साथ-साथ वराह (जंगली सूअर), हिरण, घड़ियाल की भी हड्डीया मिली है जिससे अनुमान लगाया जा सकता है की वह माँस का प्रयोग भी करते होंगे साथ में मछली व पक्षियों की भी हड्डीया भी प्राप्त हुई है।

# अनाज में गेहूं, जों, दालें, सफेद चना तथा तिल के साक्ष्य प्राप्त हुए है। बाजरे के दाने गुजरात के कुछ स्थलों से प्राप्त तथा चवाल के दाने का साक्ष्य बहुत काम मात्रा में मिले है।

# हड़प्पा सभ्यता के लोगों को कृषि की भी जानकारी थी क्यूंकि हड़प्पा सभ्यता में मिले बीजों के दानों से यह स्पष्ट हो जाता है परंतु क्या वह कृषि प्रौद्योगिकी के बारे में कितना जानते होंगे इसका उत्तर हमे सभ्यता में मिले कुछ स्थानों पर जैसे चोलिस्थान तथा बनवली (हरियाणा) में मिट्टी के बने हल का प्रतिरूप मिला है जो वृषभ के समान है (वृषभ एक प्रकार का बैल है)।

कृषि प्रौद्योगिकी

# कृषि प्रौद्योगिकी इतनी प्रभावशाली थी की हड़प्पा सभ्यता में जूते खेत के साक्ष्य भी देखने को मिले है राजस्थान के कालीबंगन हड़प्पाई स्थान पर 2 समूह में एक दूसरे को समकोण पर काटने वाली खेती के साक्ष्य भी मिले है। जिससे यह अनुमान लगाया गया हमारे पुरतातविदों द्वारा की वह खेत जोतने के लिए वृषभ का प्रयोग करते होंगे तथा वह एक ही खेत में 2 अलग-अलग प्रकार की कृषि को करने में भी साक्ष्य थे जैसा की कालीबंगन (राजस्थान) में देखा जा सकता है।

# सिचाई के साक्ष्य के लिए अफगनिस्थान के शोरतुग़ई नामक हड़प्पाई स्थल पर नहर होने के कुछ अवशेष मिले है लेकिन पंजाब और सिंध की जगहों पर नहर के कोई भी साक्ष्य नहीं मिले। ऐसा मन जा सकता है की हड़प्पा सभ्यता के लोग कुओ का भी प्रयोग करते थे सिचाई के लिए परंतु जब कुओ और नहरों में कचरा या गाद भर जाती थी जब वो सिचाई के लिए जलाशयों क प्रयोग किया जाता होगा ऐसा पुरतातविदों का मानना है।

@Roy Akash(pkj)