नीति आयोग का परिचय
नीति आयोग वर्तमान सरकार नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी द्वारा 13 अगस्त 2014 को इसकी पहल की गई जो भारत की 65 वर्ष पुरानी योजना आयोग (Planning Commission) योजना को भंग करके उसकी जगह पर नीति आयोग को देश के सामने लाया गया। नीति आयोग का पूरा नाम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (NITI- National Institute for Transforming India) जिसकी स्थापना 1 जनवरी 2015 को की गई। नीति आयोग एक गैर-सवैधानिक निकाय है, ना की एक संवैधानिक निकाय और सांविधिक निकाय है।
नीति आयोग एक प्रबुद्ध मंडल (THINK TANK) के रूप में कार्य करता है।
टीम इंडिया (Team India)
टीम इंडिया (Team India) भारत में पहली बार टीम इंडिया वाली पहल को देखने को मिला। जिसके अंतर्गत भारत के सभी राज्यों व केंद्र शासित राज्यों को भी एक ऐसा मंच उपलब्ध कराया जहा भारत के सभी राज्यों व क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सदस्यों का दर्जा मिला है। जोसह भागीदारी को दर्शाता है।
नीति आयोग की संरचना
अध्यक्ष = प्रधानमंत्री – वर्तमान – नरेंद्र मोदी
उपाध्यक्ष = राजीव कुमार (एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं और वर्तमान में नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं।)
प्रथम उपाध्यक्ष = अरविंद पनगढ़िया संचालन परिषद = सभी राज्यों के मुख्य मंत्री, विधानमंडलों वाले केंद्र शासित राज्यों के मुख्य मंत्री और बिना विधानमंडलों वाले केंद्र शासित राज्यों के उपराज्यपाल।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी = अमिताभ कांत
प्रथम मुख्य कार्यकारी अधिकारी = सिंधुश्री खुल्लर
क्षेत्रीय परिषद = प्रधान मंत्री या उनके नामित व्यक्ति विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिए मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं।
विशेष आमंत्रित= प्रधानमंत्री द्वारा नामित सदस्यों को विभिन्न क्षेत्रों के विशेष ज्ञान रखने वाले विशेष व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है।
पदेन सदस्य= प्रधान मंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के चार सदस्यों तक ही चुन सकते है।
नीति आयोग के उदेश्य
1) यह मानते हुए कि मज़बूत राज्य ही एक मज़बूत राष्ट्र बनाते है।
2) संघीय सहभागिता की भावना को बढ़ाने के लिये राज्यों को निरंतर संरचित समर्थन तंत्र के माध्यम से सहयोग प्रदान करना।
3)राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों में आर्थिक रणनीति और नीतियाँ शामिल की गई हैं।
4)ग्रामीण स्तर पर योजनाएँ बनाने के लिये तंत्र विकसित करना और सरकार के उच्च स्तरों तक इसे उच्च विकसित करना।
5) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक जैसे शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
6) देश से गरीबी और बेरोजगारी दूर करना।
7) जो लोग विकास की प्रक्रिया से वंचित हैं उन तक विकास की पहुंच सुनिश्चित करना।
8) कृषि एवं उद्योगों में निवेश एवं प्रौद्योगिकी बढ़ावा देना वाली नीतियाँ।
9) शिक्षा एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार करने की योजना बनाना।
योजना आयोग और नीति आयोग के बीच अंतर
योजना आयोग = पंचवर्षीय योजना।
नीति आयोग = नीति निर्माण के संबंध में केंद्र और राज्य को सलाह प्रदान करना।
योजना आयोग = ऊपर से नीचे।
नीति आयोग = नीचे से ऊपर।
योजना आयोग = विकास का पश्चिमी मॉडल।
नीति आयोग = विकास की एक भारतीय दृष्टि एक मॉडल है।
योजना आयोग = केन्द्रीकृत नीति पर आधारित योजना।
नीति आयोग = क्षेत्रीय नीति पर आधारित योजना।
योजना आयोग=राज्यों की भागीदारी का अभाव।
नीति आयोग = सभी राज्यों की सह-भागीदारी भूमिका।
योजना आयोग=नीति निर्माण पर अधिक प्रभाव।
नीति आयोग = नीति निर्माण के साथ-साथ कार्यान्वयन पर प्रभाव।
योजना आयोग = सचिवों की नियुक्ति सामान्य प्रक्रियाओं के माध्यम से की जाती थी।
नीति आयोग = प्रधान मंत्री द्वारा नियुक्त सचिवों को सीईओ के रूप में नियुक्त किया जाता है।
# निष्कर्ष
नीति आयोग की अहम भूमिका राज्यों व क्षेत्रों की भी मांग को मध्यनजर रखते हुए किसी भी नीति को बनाया जाता है परंतु यह सभी नीतीयां केवल एक परामर्श की भांति कार्य करती है। केंद्र सरकार या राज्यों सरकारों को कोई भी दवाब नहीं होता की वह इन नीतियों का संचालन करें या न करें वह उनकी स्वयं बुद्धिमत्ता पर निर्भर करता है। भारत की पुरानी चली आ रही पंचवर्षीय योजना को नाम को परिवर्तित किया साथ ही साथ इसके मॉडल में भी बदलाव किया गया जो की वर्तमान समय के अनुकूल बनाया गया भारतीय जनता पार्टी द्वारा और भी सह-भागीदारी पर अहम भूमिका प्रधान की गई।
@Roy Akash (pkj)