गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण और संकेत (Pregnancy symptoms)

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण और संकेत (Pregnancy symptoms)

किसी भी महिला का लिए प्रेग्नेसी का समय बहुत ही खास होता है। क्योंकि इस समय वो अपने अंदर एक एक नए जीवन का सेवन करती है। और यह अनुभव बहुत ही खास होता है किसी को महिला के लिए। प्रेगेनेसी का होना हर महिला के लिए अलग अलग अनुभव होता है कुछ महिलाओं को जल्दी ही पता चल जाता है जैसे की 6 से 14 दिन में ही उनको लक्षण दिखाई देने लगते है।लेकिन कुछ महिलाओं समय भी लग जाता है। आईए अब हम उन लक्षणों के बारे में जानते हैं जिस से कोई भी महिला ये शुरुआती दिनों में समझ जाए की वो गर्भवती है।

1– पीरियड मिस होना / मासिक धर्म का न आना

पीरियड मिस होना या मासिक धर्म का आना गर्भावस्था का सबसे बड़ा संकेत होता है। शरीर गर्भावस्था के लिए गर्भाशय को तैयार करता है अगर आप यौन रूप से सक्रिय हो।गर्भवती होने पर प्रोजेस्टरोन हार्मोन का स्त्राव शुरू हो जाता है जिस से गर्भाशय की परत मोती हो जाती है और इसकी वजह से बहाव पर रोक लग जाती है जिस से मासिक धर्म रुक जाता है । यही कारण है की मासिक धर्म का रुकना गर्भावस्था सबसे बड़ा संकेत होता हैं।

2 – मॉर्निंग सिकनेस

गर्भवती होने पर शरीर में हार्मोन का लेवल औसत से ज्यादा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से पेट की समस्या हो जाती है गर्भवती महिलाएं एग के गर्भाशय के परत से जुड़ने के पास एचसीजी का उत्पादन शुरू कर देती हैं । प्लेसेंटा द्वारा कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन का उत्पादन होता है।इस से मार्निग सिकनेस या उल्टी जैसा लगने लगता है।

3 – फूड क्रेविग होना

प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के टेस्ट और खाने के स्मेल पर बहुत प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से उनको तरह तरह या कुछ खास चीज़ खाने का मन करता है।किसी को खट्टा खाने का मन करता है तो किसी को मीठा कहने की लालसा होती है। जबकि कुछ महिलाओं में अजीब अजीब तरह की क्रेविंग होती है।

4 – चक्कर आना

गर्भावती होने पर बहुत सी महिलाओं में चक्कर की समस्या को भी देखा गया है। ये समस्या हार्मोन में बदलाव के कारण होती है हार्मोंस में बदलाव का कारण ब्लड प्रेशर में बलदाव होता है और लो ब्लड प्रेशर की वजह से भी चक्कर आता है । प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में चक्कर आना मामूली बात है । कई बार महिलाओं को गर्भाशय की रक्त वाहिकाओं पर दबाव के कारण दूसरी ओर तीसरी तिमाही में चक्कर महसूस होता है। और गर्भावस्था की पहली तिमाही में लगभग छह सप्ताह के बाद चक्कर आना महसूस किया जाता हैं।

5 – कमजोरी होना

गर्भावस्था में कमजोरी या थकान होना एक आम बात है। थकान और कमजोरी गर्भवती महिला के शरीर में मानसिक और शारीरिक बदलाव के कारण भी होता है।और हार्मोंस के बदलने से भी थकान और कमजोरी देखी जाती है। पहली तिमाही में आमतौर पर सभी महिलाओं को थकान का अनुभव होने लगता है। इसमें महिलाए घबराएं नहीं ।इसके लिए जरूरी है दैनिक दिनचर्या और खान पान पर ध्यान दिया जाए।

6 – जल्दी जल्दी पेशाब आना।

हार्मोन में बदलाव को वजह से पाचन क्रिया में भी बदलाव होता है जिसकी वजह से गर्भावस्था के तीसरी तिमाही में बार बार पेशाब का सामना करना पड़ता है। HCG हार्मोन के बढ़ने से यह परेशानी होती हैं। यह गर्भावस्था का एक सामान्य लखन है।

7 – कब्ज और पेट फुलना।

गर्भवती महिलाएं इस अवस्था में बहुत सारे बदलाव से गुजरती है शरीर के अंदर बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तन होते है। इस दौरान प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन बढ़ने के कारण आंत और मांशपेशिया रिलैक्स महसूस करती है । आंतों के रिलैक्स हो जाने के कारण पाचन क्रिया भी धीरे धीरे होती है।जिस से कब्ज और पेट फूलने की समस्या होती है ।

8 – उल्टी होना और जी मिचलाना।

प्रेग्नेंसी होने पर महिलाओं में उल्टी की समस्या बहुत होती है।और कुछ भी खाने पे जी मिचलाने लगता है। गर्भवती महिलाएं फर्टिलाइज एग के गर्भाशय से परत के जुड़ने के बाद HCG ka उत्पादन शुरू कर देती हैं जिस से उल्टी जैसा लगना लगता है।

9 – स्तन में दर्द रहना।

प्रेग्नेसी में स्तन के भीतर फैट लेयर मोटी होने लगती है जिस से स्तन की ग्रंथियों के दूध भरना शुरू होने लगता है । यह परेशानी तीसरे या चौथे सप्ताह में शुरू होने लगती है। प्रेग्नेसी में स्तनों का आकार बढ़ जाता है या सूजन होने लगती है ।जिस से उसको छुने पर दर्द होता है।

10 – पीठ में दर्द, कमर दर्द।

जब भी कोई महिला प्रेग्नेट होती है तब उसका वजन बढ़ने लगता है जिसकी वजह से उसका सारा असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है जिस से कमर दर्द की समस्या का गर्भवती महिलाओ को सामना करना पड़ता है। बढ़ते हुए गर्भाशय का वजन और बच्चे का वजन महिला के पीठ में रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं पर दबाव डालता है जिस से दर्द की समस्या होती है।

11 – पेट में दर्द या ऐंठन।

जब भी कोई महिला गर्भवती होगी तो उसको पेट दर्द की समस्या आम होती है।क्योंकि गर्भाशय और उसे स्थिरता प्रदान करने वाली अस्थियों के खिंचने के कारण उसमे दर्द होता है। बढ़ते हुए भूर्ण की वजह से पेट में अंगों की पोजिशन भी बदलती है जिस से की पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है।इसके अलावा मानसिक बदलाव और बायोकेमिकल बदलाव के कारण महिलाओं में पेट फूलने और दर्द ,ऐंठन की समस्या होने लगती है।

12 – मूड में चिड़चिड़ापन होना।

गर्भवती महिलाओ में मूड स्विंग बहुत होने लगता है।यह हार्मोनल बदलाव के कारण होता है।जिस से की गुस्सा चिरचिरापन होने लगता हैं हार्मोनल परिवर्तन के कारण गैस ,एसिड , झुंझलाहट रहना आम सी बात हो जाती है। ऐसे मूड स्विंग होने लगता है है। इस दौरान शारीरिक समस्या भी होने लगती है जिसमे महिलाए मानसिक तनाव से गुजरती है।

निष्कर्ष

अगर कोई भी महिला ये जानना चाहती है की वो गर्भवती है तो वो इन अभी लक्षणों से पता लगा सकती है। यह मूलाधर लक्षण लगभग हर गर्भवती महिलाओ में दिखता है। बाकी थोड़ी बहुत लक्षण अलग हो सकते है। कभी कभी ये लक्षण कुछ महिलाओं में देर से भी दिखाई देते हैं। और बहुत बार पहले और दूसरे बच्चे में लक्षण भी अलग अलग होते है। तो अगर आपको लगता है की आप गर्भवती है तो इन लक्षणों के साथ ही साथ आप अपने डॉक्टो की सलाह जरूर लें। जिस से आपको डॉक्टरी जांच से पूरी तरह से आश्वासन हो जाएं की आप गर्भवती हैं।