द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक महाशक्ति कैसे बना?-dviteey vishvayuddh ke baad soviyat sangh ek mahaashakti kaise bana?

अब तक 2 विश्व युद्ध हो चुके हैं जिसमें कि पहला विश्व युद्ध सन 1914 से लेकर 1918 तक चला था इसी प्रकार दूसरा विश्व युद्ध सन 1939 लेकर 1945 तक चला।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दो महा शक्तियों के बीच में संघर्ष चल रहा था। एक दूरी राष्ट्र एक मित्र राष्ट्र जैसा कि हमें पता है कि धुरी राष्ट्र में जर्मनी, जापान ,इटली शामिल थे और मित्र राष्ट्र में अमेरिका सोवियत संघ फ्रांस ब्रिटेन जैसे देश शामिल थे।

दूसरे विश्व युद्ध के पश्चात सोवियत संघ इतना शक्तिशाली क्यों बना किसके निम्नलिखित मुख्य 6 कारण है।

1) पूर्वी यूरोपियन का प्रभाव:-

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पूर्वी यूरोप के बहुत से देशों को फासीवाद के चुंगल से मुक्त कराया जिसके चलते यूरोपियन देश थे वह सो बेसन से काफी ज्यादा प्रभावित हुए जिसके कारण पूर्व के यूरोपियन देशों के अंतर में धीरे-धीरे आते पर ऐसा ही चलते चलते फासीवाद से उनको राहत मिली और सुबह विचारधारा से प्रभावित होते रहे।

2) सोवियत संघ के प्रभाव में आए देश:-

युद्ध के पश्चात सोवियत संघ से प्रभावित सभी यूरोपियन देशों ने अपने राजनीतिक सामाजिक तथा आर्थिक व्यवस्था को सोवियत संघ के अनुरूप लाने लगी थी जिससे सोवियत संघ को और भी ज्यादा शक्ति मिल रही थी।

3) समाजवादी देशों के नेता:-

दूसरे विश्व के बाद सोवियत संघ समाजवादी देशों के नेता के रूप में उभरने लगा जैसे कि हमने बताया था कि फासीवाद से मुक्त हो रहे सभी देशों को समाजवादी देश कहा जाने लगा इसे दूसरी दुनिया के देश भी कह रहे थे और हम अच्छे से जानते हैं कि दूसरी दुनिया के देश साम्यवादी खेमे में आते हैं साम्यवादी खेमा सोवियत संघ का है इसी के चलते हुए । वारसा पैक्ट नामक एक सैन्य संधि बनाई गई थी

4) संचार तंत्र की सर्वोच्चता :-

दूसरे विश्व युद्ध के बाद सो बेसन के पास सूचना एवं संचार तंत्र का जटिल ताना-बाना था। वैज्ञानिक क्षेत्र में उस समय के सभी देशों से आगे था। संसार में चंद्रमा पर पहली अंतरिक्ष यात्रा भेजने में भी सफलता मिली थी। सामरिक हथियारों के उत्पादन में भी सबसे आगे था। 1945 की बात की जाए तो सोवियत संघ सभी देशों से काफी आगे तक यहां तक कि अमेरिका से भी काफी आगे चल रहा था तकनीक में संचार में अंतरिक्ष में हथियारों में इसलिए वह दूसरे विश्व के बाद एक मां शक्ति के रूप में उभरा।

5) परिवहन क्षेत्र में सुधार:-

सोवियत संघ के आने-जाने के साधनों में बहुत सुधार से दूरदराज के क्षेत्रों भी राजधानी मास्को से जुड़ गए आर्थिक व शासकीय परिवेश काफी परिवर्तन आया जिसके चलते परिवहन के सुधार में सोवियत संघ को काफी ज्यादा राहत मिली और प्रभावशाली बनने का मौका मिला।

6) अन्य क्षेत्रों में बढ़ता प्रभाव:-

अन्य क्षेत्रों जैसे उद्योग, व्यवसाय तथा भूमि प्रणाली में सुधार सोवियत संघ ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लगभग प्रत्येक क्षेत्र में बहुत अधिक प्रगति की जिससे अर्थव्यवस्था में भी बहुत सुधार आया। विशाल खनिज तथा ऊर्जा संसाधन होने से उसे प्रगति में सहायता मिली। घरेलू उपभोक्ता उद्योग से पिन से लेकर कारो तक बनती थी सभी नागरिकों को न्यूनतम जीवन स्तर की गारंटी थी। बेरोजगारी लगभग खत्म हो रही थी। सभी लोग उत्पादन कार्य में लगे हुए थे। सरकार के स्वास्थ्य शिक्षा बच्चों तथा अन्य कल्याणकारी योजना में सब्सिडी का प्रावधान रखा गया था। भूमि और उत्पादन की परिस्थितियां पर राज्य का स्वामित्व था।

निष्कर्ष

अगर हम निष्कर्ष की बात करें तो हमें पता चलेगा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पूर्ण रूप से सोवियत संघ एक महाशक्ति के रूप में बनने के लिए प्रबल दावेदार बन चुका था जैसे कि उसकी संचालक से काफी अच्छी थी परिवहन में सुधार कर रहा था लोगों को गरीबी से मुक्त करवा रहा था बेरोजगारी लगभग खत्म होती जा रही थी युरोपियन देशों में समाजवादी व्यवस्था का जय जय कार हो रही थी।

साम्यवादी व्यवस्था अपने चरम पर चल रही थी। सभी संस्था को लगभग सभी देश अच्छा मानने लगे थे लगभग सभी देश अपनाने लगे थे उसकी विचारधारा को अपनाने लगे थे उन्हीं के रंग में मिलने लगे थे और धीरे-धीरे साम्यवादी विचारधारा को ग्रीन सिग्नल मिलने लगा था जिसके चलते 1945 के बाद अमेरिका को टक्कर देने के लिए विश्व में एक नई महाशक्ति सोवियत संघ बनी।
जैसा कि हम जानते हैं 1945 में शीत युद्ध का आरंभ होता है और सोवियत संघ के विघटन के बाद शीत युद्ध का अंत होता है।

@Roy Akash (pkj)